Sunday 4 February 2018

दिया जलता वो मेज़ पर छोड़ गया

दिया जलता वो मेज़ पर छोड़ गया
सफ़र बाहर का भीतर में मोड़ गया

ले आया क़िताब कोरी सूफ़ी मेरे लिएं
जाते - जाते और पन्ने दो जोड़ गया

था रिवाज़ उसके यहां छोड़ जाने का
ना बदला मैं जब वो दिल तोड़ गया

ले लेगी मौत छीनकर के सब मुझ से
उससे पहले मैं ज़िंदगी निचोड़ गया

है ख़ुदा और वो भी कायनात से जुदा
खयाल ऐसे अपने हाथों मरोड़ गया

- उदयन गोहिल