Saturday 22 July 2017

नहीं मिलता सबकुछ यहां वहां में

नहीं मिलता सबकुछ यहां वहां में
ढूंढते फिरो फिर उसे जहां में   

होता  अगर मेंरा  तो  यहीं रहता
अब कहां वो कहां मैं जहां में

और, है  भी  कहां  दूर  कि  खोजें
देखा भीतर कि मिला जहां में

हाथ पकड़ लो,  ये क्या बात हुई
मिला दिलसे दिल यूं जहां में

होता नाम, तो कुछ भी रख लेता
है अहसास, सनम , जहां में

कुछ  लिखने से  बयां  नहीं होता
है वो रूह-ए-रोशन जहां में

- उदयन

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