जहां में दो ही काम हमारे नसीब ने दिखाएं
हम सनमखाने पर जाएं सनम निकल आएं
- उदयन
फिर कहीं से उड़कर आ गएं वो खुश्बू के गोले
फिर कहीं सनम ने जूल्फ़ें बिखेरी हो होले होले
- उदयन
हर जवानी का एक मौसम होता है
माना किसीका ज्यादा तो किसीका कम होता है
मेरे तजुर्बे के सवाल न पुछो मियां
बिस्तर की सिलवटों में कहां नरम सनम होता है
- उदयन
वुज़ू मेरी मयकशी है साकी मेरा सनम
है मुहब्बत मुझे तुझसे, ख़ूदा मेरा भरम
- उदयन
एक पहेली में तुम्हें कुछ राज़ देता हूँ
कहकर सनम मैं सुफी सलाम देता हूँ
- उदयन
चूडियाँ बिंदी मेहंदी कपड़ें, श्रृंगार जाने किस काम का
फिर क्या क्या शौक सनम को बेहिस-ओ-बद-हवास का
- उदयन
बेहिस-ओ-बद-हवास - paradise of youth
हश्र की बात पर फिर वो मुझसे जुदा निकला
वो सनम तो ख़ुदा और मैं इंसान वो मेरी बला
- उदयन
जवाब कुछ भी दूं वो इक मिसाल होगी
बात तो वही है फिर सनम बेमिसाल होगी
- उदयन
एक नशा है तेरी हर अदा में
याद आयी सनम मुझे कज़ा में
- उदयन
शाम के तारे दिख रहे है तुम निकल जाओ
साकी रह गया पीछे सनम तुम इधर आओ
- उदयन
बेज़िजक कु़र्बान कर दिया खूद को 'उदयन' ने सनम पर
है आरजू ओ दिलकशी ओ करम आपका इस जनम पर
- उदयन
थे लफ्ज़ किसी के लिये किसी के लिये ग़ज़ल थी
अखबार में वो दागदार हुई कभी जो मेरी सनम थी
- उदयन
बांध कमंदोमें दूर मयखानों से मुझे क्या फायदा
वुज़ू-ओ-नमाज-ओ-सनम से मेरा ताल्लुकात है
- उदयन
कमंद ~ फंदा
चाहत के सलीके से अभी तु थोडा दूर बसा है
इसीलिए सनम ओ ख़ूदा के बीच फंसा पडा है
चाहता है मुझे उसके नज़रीयें से देख लो मुझे
चश्म-ओ-चिराग में कहीं उदयन का ज़ाहिरा है
- उदयन
धडकनों के बीच एक ठहराव जड़ा रखा है
दुनियां के घावों से दूर, सनम खड़ा रखा है
- उदयन
ख़ामख़ाह इल्ज़ाम मेरे सर आता है
सनम लफ्ज़, जब दिल को भाता है
- उदयन
थोडा तुझमें बसा है थोडा मुझमें बसा है
सनम ही है हम में, जो पसंदीदा सजा है
- उदयन
थोडा दूर सनम है रात जवां हो रही है
होकर यहां, मैं यहां न रहा, वो यहीं है
- उदयन
बेनज़ीर मेरा सनम यहां बाहें फैलाएं खड़ा हो
इधर मोहब्बत जवां उधर फ़िरदौस खाली पडा हो
- उदयन
दिलो में नशा व आँखों में सुकून था
सनमखाने का इतना सा उसूल था
ढूँढता है कोई मय में, कोई सनम में
पाक नज़र में वो ख़ूदा का रसूल था
- उदयन
फिर वो नक़ाब सरकायें फिर वो जमाल-ए-रोशनी
फिर वो मुहब्बत का आलम फिर वो सनम-ए-बंदगी
- उदयन
चलो, फिर आज महफिल जमाएं
सनम को मेरे अल्फ़ाज में सजाएं
- उदयन
चलो आज फिर महफिल सजायी जाएं
जमाने को फिर सनम दिखायी जाएं
- उदयन
चलो, कुछ राज़ दिल के मैं खोलता हूँ, तुम भी खोल दो
हो सनम तुम मेरी मोहब्बत के मजार का, तुम भी बोल दो
- उदयन
उम्र के साथ जन्नत का पता बदलता गया
अब के हालात में सनम से लिपटता गया
- उदयन
गर थी, कोई बात, बीच दोनों के तो मोहब्बत थी
और है अब, जो दरमियाँ वो अजान-ए-सनम है
- उदयन
तकाज़ा है मोहब्बत-ए- बंदगी का उदयन
सनम है, सनम था और सनम ही रहेगा
- उदयन
सनम तेरा इक उधर है तो इक मेरा सनम इधर है
बात दिलों में यह महफूूज है, जो, जहां, जिधर है
- उदयन
शाम रात मय चाँद सखी सनम
बेपरदा उदयन बदनाम हो गया
- उदयन
वो चाँद ही क्या, छिप छिपाता चले
मिल मेरे सनम से, चाँद जलाता चले
- उदयन
कुबूल है कुबूल है कुबूल है
सनम, पसंदीदा मकबूल है
- उदयन
फिर वहीं बात तन्हा रात बिखरे ज़ज्बात
बगैर सनम, करे क्या ये दिवाने की जात
- उदयन
हलकी सी आह होती है मीठी सी चूभन होती है
रतजगा दिदार-ए-सनम की एक तलब होती है
- उदयन
नहीं रहूँगा कभी मैं तो लफ़्ज मेरे गुंजेगें
बगैर तेरे, दूनियावालें सनम कहां ढूंढेगे
- उदयन
कहां गया वो सनम जो मेरे साथ चलता था
रहता था दूर, फिर भी आसपास संवरता था
- उदयन
ये हवा न जाने कहां से खुश्बू ले आयी
भीगे गेंसूओंं में सनम मुझे मिलने आयी
- उदयन
जहां एक मेरा, मैने ख़ूद बनाया है
सनमखाने में मेरे, तुम्हें बिठाया है
- उदयन
तवज्जों नहीं दिया दूनिया-ए-ज़ालिम ने कभी
वो कोई ओर मिट्टी का था जो सनम हो गया
- उदयन
कलम से निकले अल्फ़ाजों ने एक तस्वीर बना दी
तस्वीर से निकलती महक ने मुझे सनम थमा दी
- उदयन
मिजाज़ पर मेरे जाने किसका साया है
शाम लफ़्जों पर सनम छाया है
- उदयन
फरक नही रहता जब मैं सनम कहता
दिल से जान तक बस तु ही तु रहता
- उदयन
और तो क्या कहूँ, चाँद को समझा दो
या फिर कह दो, सनम को, बहला दो
- उदयन
एक चाँद, सिर पर आ गया है
और सनम, संवरना भूल गया है
- उदयन
ख़याल बेपरवाह सा उमड़ रहा है
हाँ, सनम ख़ूदा है तो ख़ूदा कहाँ है
- उदयन
था इंतज़ार मेरा, जो रहते रहते जवां हो गया
कहते है चाँद, जो रात को मेरा सनम हो गया
- उदयन
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