Saturday 18 March 2017

सनम - 2 Line

जहां में दो ही काम हमारे नसीब ने दिखाएं
हम सनमखाने पर जाएं सनम निकल आएं

- उदयन

फिर कहीं से उड़कर आ गएं वो खुश्बू के गोले
फिर कहीं सनम ने जूल्फ़ें बिखेरी हो होले होले

- उदयन

हर जवानी का एक मौसम होता है
माना किसीका ज्यादा तो किसीका कम होता है
मेरे तजुर्बे के  सवाल न पुछो मियां
बिस्तर की सिलवटों में कहां नरम सनम होता है

- उदयन

वुज़ू मेरी मयकशी है  साकी मेरा सनम
है मुहब्बत मुझे तुझसे, ख़ूदा मेरा भरम

- उदयन

एक पहेली में तुम्हें  कुछ राज़ देता हूँ
कहकर सनम मैं सुफी सलाम देता हूँ

- उदयन

चूडियाँ  बिंदी  मेहंदी  कपड़ें, श्रृंगार जाने किस काम का
फिर क्या क्या शौक सनम को बेहिस-ओ-बद-हवास का

- उदयन

बेहिस-ओ-बद-हवास - paradise of youth

हश्र की बात पर फिर वो मुझसे जुदा निकला
वो सनम तो ख़ुदा और मैं इंसान वो मेरी बला

- उदयन

जवाब  कुछ भी दूं  वो  इक मिसाल होगी
बात तो वही है फिर सनम बेमिसाल होगी

- उदयन

एक  नशा है  तेरी  हर अदा में
याद आयी सनम मुझे कज़ा में

- उदयन

शाम के तारे दिख रहे है तुम निकल जाओ
साकी रह गया पीछे सनम तुम इधर आओ

- उदयन

बेज़िजक कु़र्बान कर दिया खूद को 'उदयन' ने सनम पर
है आरजू ओ दिलकशी ओ करम आपका इस जनम पर

- उदयन

थे लफ्ज़  किसी के लिये  किसी के लिये ग़ज़ल थी
अखबार में वो दागदार हुई कभी जो मेरी सनम थी

- उदयन

बांध कमंदोमें दूर मयखानों से मुझे क्या फायदा
वुज़ू-ओ-नमाज-ओ-सनम से मेरा ताल्लुकात है

- उदयन

कमंद ~ फंदा

चाहत के सलीके से  अभी तु थोडा दूर बसा है
इसीलिए सनम ओ ख़ूदा के बीच फंसा पडा है
चाहता है मुझे  उसके नज़रीयें से  देख लो मुझे
चश्म-ओ-चिराग में कहीं उदयन का ज़ाहिरा है

- उदयन

धडकनों के बीच एक ठहराव जड़ा रखा है
दुनियां के घावों से दूर, सनम खड़ा रखा है

- उदयन

ख़ामख़ाह इल्ज़ाम मेरे सर आता है
सनम लफ्ज़, जब दिल को भाता है

- उदयन

थोडा तुझमें बसा है थोडा मुझमें बसा है
सनम ही है हम में, जो पसंदीदा सजा है

- उदयन

थोडा दूर सनम है रात जवां हो रही है
होकर यहां, मैं यहां न रहा, वो यहीं है

- उदयन

बेनज़ीर  मेरा  सनम  यहां  बाहें  फैलाएं  खड़ा हो
इधर मोहब्बत जवां उधर फ़िरदौस खाली पडा हो

- उदयन

दिलो में नशा व आँखों में सुकून था
सनमखाने का  इतना सा उसूल था
ढूँढता है कोई मय में, कोई सनम में
पाक नज़र में वो ख़ूदा का रसूल था

- उदयन

फिर  वो नक़ाब सरकायें  फिर  वो जमाल-ए-रोशनी
फिर वो मुहब्बत का आलम फिर वो सनम-ए-बंदगी

- उदयन

चलो, फिर आज महफिल जमाएं
सनम को मेरे अल्फ़ाज में सजाएं

- उदयन

चलो आज फिर महफिल सजायी जाएं
जमाने को  फिर  सनम  दिखायी  जाएं

- उदयन

चलो,  कुछ राज़ दिल के मैं खोलता हूँ,  तुम भी  खोल दो
हो सनम तुम मेरी मोहब्बत के मजार का, तुम भी बोल दो

- उदयन

उम्र के साथ जन्नत का पता बदलता गया
अब के हालात में सनम से लिपटता गया

- उदयन

गर थी, कोई बात, बीच दोनों के तो मोहब्बत थी
और है अब, जो दरमियाँ  वो अजान-ए-सनम है

- उदयन

तकाज़ा है मोहब्बत-ए- बंदगी का उदयन
सनम है,  सनम था और  सनम ही  रहेगा

- उदयन

सनम तेरा इक उधर है तो इक मेरा सनम इधर है
बात दिलों में यह महफूूज है, जो, जहां, जिधर है

- उदयन

शाम रात मय चाँद सखी सनम
बेपरदा उदयन बदनाम हो गया

- उदयन

वो  चाँद ही क्या, छिप  छिपाता चले
मिल मेरे सनम से, चाँद जलाता चले

- उदयन

कुबूल है कुबूल है कुबूल है
सनम, पसंदीदा मकबूल है

- उदयन

फिर वहीं बात तन्हा रात बिखरे ज़ज्बात
बगैर सनम, करे क्या ये दिवाने की जात

- उदयन

हलकी सी आह होती है मीठी सी चूभन होती है
रतजगा  दिदार-ए-सनम की एक तलब होती है

- उदयन

नहीं रहूँगा कभी मैं तो लफ़्ज मेरे गुंजेगें
बगैर तेरे, दूनियावालें सनम कहां ढूंढेगे

- उदयन

कहां गया वो सनम  जो मेरे साथ चलता था
रहता था दूर, फिर भी आसपास संवरता था

- उदयन

ये हवा  न जाने  कहां से खुश्बू ले आयी
भीगे गेंसूओंं में सनम मुझे मिलने आयी

- उदयन

जहां एक मेरा, मैने ख़ूद बनाया है
सनमखाने में मेरे, तुम्हें बिठाया है

- उदयन

तवज्जों नहीं दिया दूनिया-ए-ज़ालिम ने कभी
वो कोई ओर मिट्टी का था  जो सनम हो गया

- उदयन

कलम से निकले अल्फ़ाजों ने एक तस्वीर बना दी
तस्वीर से  निकलती महक ने  मुझे सनम थमा दी

- उदयन

मिजाज़ पर मेरे जाने किसका साया है
शाम   लफ़्जों   पर   सनम   छाया   है

- उदयन

फरक नही रहता जब मैं सनम कहता
दिल से जान तक  बस  तु ही तु रहता

- उदयन

और तो क्या कहूँ, चाँद को समझा दो
या फिर कह दो, सनम को, बहला दो

- उदयन

एक  चाँद, सिर  पर  आ  गया  है
और  सनम,  संवरना भूल गया है

- उदयन

ख़याल बेपरवाह सा  उमड़ रहा है
हाँ, सनम ख़ूदा है तो ख़ूदा कहाँ है

- उदयन

था इंतज़ार मेरा, जो रहते रहते  जवां हो गया
कहते है चाँद, जो रात को मेरा सनम हो गया

- उदयन

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