कहाँ से गुज़रा, कहाँ तक गुज़रा, पता नही
गर, राह मेरी, मंज़िल तू, कोई ख़ता नही
साथ, कब तक देगी, साँसें कौन बतायेगा
मौत पर मेरी, तू मिले तो कोई रवा नही
शोर बरपा है, चो तरफा दूनियादारी का
इक पल, साथ तेरा मिले, कोई गिला नही
और लफ़्जों में, मैं क्या बयां करू, 'उदयन'
मेरे कदम, तेरे निशां, और कोई ज़फा नही
- उदयन
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