है मोहब्बत तुम्हें भी तो कभी बताया जाएं
छूपाकर भीगे गेंसूओं में हमें आज़माया जाएं
लूभा रहा है फिर अदा ओ बाँकपन नूर का
आहिस्ता, ज़माल-ए-रूख हमें दिख़ाया जाएं
इन्तिज़ाम नही, मिले तुम्हारा वज़ूद मुझ से
इत्तिफ़ाक़न सही इबादत में हमें बुलाया जाएं
सुनाकर फ़साने पाक, फ़लक की परियों के
तसव्वुर ओ ख़्वाब में आके हमें सताया जाएं
तस्बीह में दोहरायें सनम हर लम्हा 'उदयन'
जुबां पर कभी सनम कह हमें मिटाया जाएं
- उदयन
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